सत्ता के नशे में चूर प्रतापगढ़ सांसद ने कार्यकर्ताओं को किया था मजबूर।

पत्रकरों को भी बनाया अपनी साजिश का शिकार।



बिना सोचे समझे तानाशाही कर अदूरदर्शिता सत्ता के नशे में चूर सांसद ने भाजपा सरकार की छवि पर भी लगा दिया दाग।


प्रतापगढ़ तीन दिन पूर्व प्रतापगढ़ जनपद में भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता की पिटाई के मामले में उनकी कार्यशैली के चलते कार्यकर्ताओं  में आक्रोश भर गया जिसका खामियाजा भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता को भुगतना पड़ा संगम लाल गुप्ता के बिना सोचे समझे तानाशाही करने उनकी लापरवाही अदूरदर्शिता सत्ता के नशे में चूर होने के चलते भाजपा सरकार की छवि पर भी उन्होंने दाग लगा दिया है आखिर जनता ने जिसे चुनकर सांसद बनाया है उसमें धैर्य और विवेक होना चाहिए लेकिन मंच पर मौजूद कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी कांग्रेस विधायक मोना तिवारी को देखकर सांसद संगम लाल गुप्ता आपा खो बैठे और उन्होंने कांग्रेस नेताओं को बोलने का मौका नहीं दिया बल्कि उन्होंने माइक तोड़ कर तानाशाही का परिचय दिया सांसद द्वारा मंच पर माइक तोड़ दिए जाने की चहुँओर निंदा हो रही है मंच पर भाजपा सांसद की तानाशाही को आम जनता बर्दाश्त नही कर सकी और कार्यकर्ताओं का आक्रोश भड़क गया और माइक तोड़े जाने को लेकर सांसद से जनता ने बहस शुरू कर दी बात यहीं नहीं खत्म हुई जनता की बहस के बीच भाजपा सरकार के तलुवा चाट कुछ पुलिसकर्मी सांसद के बचाव में उतर आए और आम जनता कार्यकर्ताओं को पुलिस ने लाठियों से पीट दिया जिससे आम जनता कार्यकर्ताओं का आक्रोश और बढ़ गया सांसद द्वारा माइक तोड़े जाने के विवाद के बाद कार्यकर्ताओं की पिटाई के मामले ने तूल पकड़ लिया और कार्यकर्ताओं भीड़ के बीच मौजूद जनता ने भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता को सबक सिखाने के लिए दौड़ाने लगे अपनी ही सरकार में असुरक्षित महसूस कर भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता लोमड़ी की तरह सड़क पर भागने लगे भीड़ ने उनका पीछा शुरू कर दिया सांसद भीड़ से बचने के लिए दौड़ते रहे और भीड़ उनके पीछे दौड़ती रही अंततः संगम लाल गुप्ता सांसद भीड़ के चंगुल में फंस गए और भीड़ ने लात घूसों से उनकी जमकर पिटाई कर दी भीड़ के बीच पीटे जाने के बाद सांसद ने कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी विधायक मोना तिवारी दो पत्रकार सहित तमाम कार्यकर्ताओं पर झूठी कहानी गढ़ कर मनगढ़ंत धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया सांसद का कहना है कि उन पर प्राणघातक हमले किए गए है जो पूरी तरह से बकवास है अब सवाल उठता है कि कार्यक्रम के दौरान मंच पर सांसद ने उत्तेजित होकर कौन सा सभ्य समाज और मानवता का परिचय दिया था इस लोकतंत्र में मंच पर मौजूद सभी वक्ताओं को बोलने का अधिकार है जब उन्होंने सभ्यता का परिचय नही दिया तो उसका खामियाजा उन्हें भुगतना ही पड़ेगा मंच पर मौजूद अन्य नेताओं को भी वह बोलने का मौका देते और माइक ना तोड़ते तो कार्यकर्ताओं का आक्रोश ना बढ़ता और सांसद को जनता के कोपभाजन का शिकार ना होना पड़ता अब सवाल उठता है कि सांसद ने सत्ता के मद में चूर होकर अत्याचार किये है तो खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ेगा पहले तानाशाही फिर मनगढ़ंत कहानी गढ़ने वाले भाजपा सांसद को बचाने यदि भाजपा उतरेगी तो आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को भी इसका जबरजस्त खामियाजा भुगतना पड़ेगा जिसकी जैसी करनी वैसी भरनी सोच कर भाजपा को सांसद प्रकरण पर न्याय करना होगा इस मामले में जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक को भी भाजपा सरकार के कोपभाजन का शिकार होना पड़ा है यह जनता है सब कुछ जान रही है और जिसकी जैसी करनी वैसी भरनी का खामियाजा आज नही तो कल उसे भुगतना ही पड़ेगा

रिपोर्ट zee प्रभात न्यूज़।

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