मरीजों का इलाज करने के बजाय मीटिंग में व्यस्त रहते हैं डॉक्टर।
मरीजों का इलाज करने के बजाय डॉक्टर सीएमओ की मीटिंग में व्यस्त।
सम्पादक राजेश पाण्डेय की रिपोर्ट।
उत्तर प्रदेश जनपद कौशांबी के सरकारी अस्पतालों में तड़प रहे मरीजों का इलाज करने के बजाय डॉक्टर सीएमओ की मीटिंग में व्यस्त रहते हैं आखिर मरीजों के लिए इलाज के लिए सरकार द्वारा निर्धारित किए गए समय पर सीएमओ कार्यालय में मीटिंग कराए जाने का क्या औचित्य है मरीजों का इलाज आवश्यक है या फिर मुख्यमंत्री के निर्देश की अवहेलना कर सीएमओ कार्यालय में मीटिंग चिकित्सकों के लिए अनिवार्य है ताजा मामला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करारी में देखने को मिला है जहां दोपहर 1:45 बजे करारी अस्पताल में मरीज तड़प रहे थे लेकिन चिकित्सक मौजूद नहीं थे बताया गया है कि वह सीएमओ की मीटिंग में गए हैं इस संबंध में सीएमओ से बात की गई तो उनका कहना है कि मीटिंग भी आवश्यक है तड़प रहे मरीजों के इलाज के बाबत जब उनसे सवाल पूछा गया तो वह बात को टालमटोल करते नजर आए।
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