नौकरी जाने से नाराज मैकेनिकल इंजीनियर का गजब कारनामा।

MP सरकार और UP के सीएम योगी आदित्यनाथ को डराने के लिए उठाया यह खौफनाक कदम।

 रेलवे ट्रेक, ब्रिज सहित अन्य जगहों पर टाइम बम रखकर दहशत फैलाने वाले तीन आरोपियों को रीवा पुलिस ने उत्तरप्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि गिरोह का मुख्य आरोपी मैकेनिकल इंजीनियर है. सूचना मिलने पर पुलिस की जांच टीम प्रयागराज के लिए भेजी गई है, साथ ही आरोपी को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी. नकली बम रखने के आरोप में यूपी और मध्य प्रदेश में कुल 13 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. जिसके बाद से ही पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी थी. ये वही युवक हैं जिन्होने लेटर में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी मारने की धमकी दी थी. इस मामले में यूपी पुलिस को भी इनकी तलाश थी.

रीवा जिले में 10 दिनों में 5 जगह रखे डमी बम

पुलिस ने बताया कि बम रखने की पहली घटना के बाद से ही पुलिस ने आरोपियों की धड़कपड़ तेज कर दी थी. एमपी पुलिस के अलावा उत्तरप्रदेश पुलिस सहित इंटेलिजेंस और STF दिन रात लगी हुई थी. पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर ट्रेस करते हुए तीन आरोपियों को प्रयागराज जिले में स्थित मेजा से गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि आरोपियों ने रीवा के सोहागी थाना क्षेत्र सहित अन्य स्थानों पर 10 दिनों के अंदर 5 जगह डमी बम रखे थे जिससे जिले भर में हड़कंप मचा हुआ था.

मैकेनिकल इंजीनियर है मास्टरमाइंड

पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने खुलासा करते हुए बताया की घटना को अंजाम देने वाला मुख्य आरोपी प्रकाश सिंह सोमवंशी निवासी मेजा मैकेनिकल इंजीनियर रह चुका है. उसे मिर्गी की बीमारी थी और इसी बीमारी के चलते उसकी नौकरी चली गई थी. ​नौकरी जाने से नाराज होकर उसने बम लगाने की तरकीब खोजी ताकि सरकार को डराया जा सके. इसके लिए उसने राम तीरथ हरिजन निवासी मेजा जिला प्रयागराज और दिवेश दुबे उर्फ दीपक निवासी गंगानगर जिला मेरठ को अपने साथ मिलाया.

इस तरह आरोपियों तक पहुंची पुलिस

रीवा के सुहागी थाना क्षेत्र के जिस ओवर ब्रिज के नीचे आरोपियों ने पहला डमी बम प्लांट किया गया तब वे वहां लगे सीसीटीवी कैमरे की नजर में आ गए थे. पुलिस ने जांच शुरू की तो डायल 100 वाहन में तैनात कर्मचारियों को एक सिल्वर रंग की संदिग्ध सेंट्रो कार दिखी. अंधेरा होने के कारण वह नंबर तो नहीं देख सके लेकिन DL लिखा देख लिया था. इसके अलावा एक अन्य लोगों ने पुलिस की मदद करते हुए बताया की गाड़ी के नंबर में 14 लिखा है. जिसके बाद पुलिस ने मात्र चार शब्दों का सहारा लिया और साइबर टीम की मदद से सभी पहलुओं को जोड़ते हुए पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई.

10 दिनों में 5 डमी बम प्लांट कर मचाई खलबली

बम टाइमर प्लांट करने की घटनाओं को आरोपी 2015 से अंजाम दे रहे थे. जनवरी में रीवा के सोहागी थाना क्षेत्र के नेशनल हाइवे 30 पर ओवर ब्रिज के नीचे टाइम बम प्लांट रखकर खलबली मचा दी थी. उसके बाद गणतंत्र दिवस पर मनगवां में टाइम बम रखे होने की सूचना मिली थी. जिसे पुलिस ने बम स्क्वायड की मदद से डिफ्यूज किया था. इस घटना के एक घंटे बाद ही मनगवां थाना क्षेत्र के गंगेव चौकी में एक दूसरे ओवर ब्रिज के नीचे बम होने की सूचना मिली थी. वहीं रीवा को वाराणसी से जोड़ने वाले मऊगंज हाईवे पर ओवर ब्रिज के नीचे डमी बम मिलने से हड़कंप मच गया था. आरोपी यहीं नहीं रूके इसके ठीक दूसरे दिन ही मऊगंज के ही नेशनल हाईवे में सड़क किनारे बम की तरह दिखाई देने वाला खाली खोखा फैंक कर दहशतगर्दी फैलाई थी.

स्पीड पोस्ट वाले खत बम से मचा हड़कंप

वहीं एक प्रतिष्ठित अखबार के कार्यालय में स्पीड पोस्ट के जरिए आए एक खत ने पुलिस की मुश्किलें और बढ़ा दी स्पीड पोस्ट भेजने वाले युवक ने खत के जरिए डमी बम प्लांट करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है जिसमें उसने खुलासा करते हुए बताया था की डमी बम प्लांट करने का उद्देश्य सिर्फ लोगों को डराने का था. रीवा के दो लोगों द्वारा आगामी 12 वा 15 फरवरी को जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय व न्यायालय को बम से उड़ाने की धमकी दी थी. पुलिस ने उत्तर प्रदेश में पकड़े गए डमी बम प्लांट करने वाले आरोपियों के शामिल होने की बात को खारिज कर दिया है और इस मामले में अलग से जांच कर रही है. पुलिस का कहना है कि जल्द ही खत लिखने वाले को गिरफ्तार किया जाएगा।

संपादक,राजेश पाण्डेय की रिपोर्ट।

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