अपना दल भाजपा गठबंधन प्रत्याशी के प्रचार में भीड़ गायब।

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में अपना दल भाजपा गठबंधन के कार्यक्रमों में लगती थी हजारों ग्रामीणों की भीड़।


प्रत्याशी बदलने के बाद कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी भीड़ ना पहुंचने का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है।

विधानसभा चुनाव 2022 का प्रचार प्रसार तेजी से चल रहा है प्रत्येक राजनीतिक दल के प्रत्याशी और निर्दलीय प्रत्याशी भी बड़े दमखम के साथ अपनी जीत का दावा कर रहे हैं लेकिन हकीकत यह है कि उन्हें भी मतदाताओं के रुझान का पता चल रहा है लेकिन वह हकीकत नहीं कह पा रहे हैं प्रचार के दौरान लगने वाली भीड़ उनके जीत का रास्ता तय कर रही है विधानसभा 2017 के चुनाव में अपना दल भाजपा गठबंधन से संजय गुप्ता को प्रत्याशी बनाया गया था उनके प्रत्येक कार्यक्रम में हजारों की भीड़ लगती थी लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव 2022 में अपना दल भाजपा गठबंधन से नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल को पार्टी ने प्रत्याशी घोषित किया है नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल के कार्यक्रम से भीड़ गायब है किसी भी कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या से अधिक भीड़ नही एकत्रित हो रही है हालांकि नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल जीत का परचम लहराने का दावा कर रहे हैं लेकिन आम जनता उनके इस दावे को मानने को तैयार नहीं है भाजपा प्रत्याशी विधायक संजय गुप्ता का टिकट काट दिए जाने के बाद अपना दल के खाते में चायल विधानसभा की सीट दिए जाने से विधानसभा क्षेत्र के मतदाता कार्यकर्ता नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल प्रत्याशी से नाराज हैं मतदाताओं कार्यकर्ताओं की नाराजगी के चलते कार्यक्रम में भीड़ नही एकत्रित हो रही है प्रत्याशी बदलने के बाद कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी एक प्रमुख कारण माना जा रहा है यदि यही स्थिति रही तो विधानसभा चुनाव में अपना दल भाजपा गठबंधन प्रत्याशी की मुसीबत बढ़ सकती हैं वह कैसे पार्टी की नैया पार लगाएंगे इस बात की चर्चा आम जनता के बीच खुलेआम हो रही है।

रिपोर्ट रवि नारायण तिवारी।

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