भवंस मेहता भरवारी के अध्यापक ने किया देहदान का निर्णय।

जनपद कौशाम्बी के भवंस मेहता विद्याश्रम, भरवारी के वरिष्ठ शिक्षक राम सनेही  श्रीवास्तव ने अपने मृत्यु के उपरांत अपने मृत शरीर को मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के छात्रों को शोध कार्य हेतु दान करने का संकल्प लिया है मरने के बाद जानवरों के शरीर की कुछ न कुछ उपयोगिता रहती है परन्तु अपने को श्रेष्ठ कहने वाले मनुष्य के शरीर की कुछ भी उपयोगिता नहीं रह जाती इसीलिए उन्होंने देहदान किया है।

पिछले 26 वर्षों से भवन्स मेहता विद्याश्रम में अंग्रेजी पढ़ा रहे एवं 18 वर्षों से गायत्री परिवार से जुड़े राम सनेही का कहना है कि उनका एकमात्र पुत्र 7 वर्ष की उम्र से ही गायत्री मंत्र में शांति कुंज, हरिद्वार में विधिवत दीक्षित है और वर्तमान में इंडियन नेवी में लेफ्टिनेंट कमांडर के रूप में कार्यरत है। उनकी तीन बेटियां हैं और सभी गायत्री मंत्र में दीक्षित हैं और शादी शुदा हैं।उनकी पत्नी सरोज, बेटा लेफ्टिनेंट सौरभ श्रीवास्तव और बहू डा. प्रेरणा श्रीवास्तव सभी ने उनके इस संकल्प की सराहना की है और लिखित सहमति प्रदान की है।

बातचीत में उन्होंने बताया कि इसकी प्रेरणा उनको भरवारी के गायत्री परिवार के प्रथम देहदानी श्री रमाशंकर केसरवानी से मिली जिनके साथ वे पहली बार सपरिवार 2004 में शांति कुंज हरिद्वार गये थे और गायत्री मंत्र की दीक्षा ली थी।उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भरवारी के तीन लोग इस पवित्र उद्देश्य के लिए अपना देहदान कर चुके हैं।

18 मई 2022 को जब मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को राम सनेही का संकल्प पत्र प्राप्त हुआ तो उन्होंने राम सनेही को वीडियो काल करके उनके इस कार्य की सराहना की एवं धन्यवाद दिया इस पुनीत कार्य के लिए वे अपने सद्गुरु वेदमूर्ति, तपोनिष्ठ एवं गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्री राम शर्मा, आचार्य का आभार प्रकट करते हैं जिनकी कृपा से आज उनका पूरा परिवार खुशहाल है और सुसंस्कारित है।

रिपोर्ट, रविनारायन तिवारी, zee प्रभात न्यूज़।




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