सरकारी प्राइमरी स्कूलों में बदहाली व्याप्त।

कायाकल्प योजना की उड़ी धज्जियां।


 जनपद कौशाम्बी के परिषदीय विद्यालय विभागीय अफसरों की देखरेख के अभाव में बदहाली का शिकार हो गए हैं एक तरफ तो सरकारी स्कूलों को पब्लिक स्कूल के समकक्ष करने के दावा सरकार कर रही है वहीं दूसरी तरफ विद्यालय प्रबंधन के जिम्मेदार सरकारी आदेशों को मटिया मेट करने पर उतारू है जिम्मेदार बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।

ऐसी बानगी देखने के लिए कड़ा विकासखंड क्षेत्र के ग्राम सभा केन में स्थित प्राथमिक विद्यालय में जाकर देखा गया यहां कक्षा 1 से 5 तक कुल 107 छात्र/छात्राएं कक्षा 3 के छात्रों को छोड़कर पंजीकृत हैं जिनमे 52 छात्र/छात्राएं मौजूद थे जो अलग अलग विकट परिस्थितियों में पढ़ रहे थे बच्चों ने बताया यहां एमडीएम का समुचित संचालन नही होता आज तक कभी मौसमी फल नही बांटे गए शौचालय में हमेशा ताला लटका रहता है केवल उसमें अध्यापक ही शौच को जाते हैं इस विद्यालय के चारों ओर गंदगी के ढेर लगे हैं बड़ी बड़ी घास उगी हैं जिनमे विषैले कीड़े मकोड़ों से बच्चों को खतरा बना हुआ है, अरसा बीत गए होंगे स्कूल भवन का रंग रोगन नही हुआ जब पत्रकार ने शौचालय कहाँ है पूंछा तो इंचार्ज दौड़कर ताला खोलने लगे ।साफ सफाई छोड़िए यहां जिम्मेदार हाथ कितना साफ कर सरकारी धन कैसे लुटा जाय उसकी योजना बंनाने में ही मशगूल रहते हैं वही ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से उक्त प्राइमरी विद्यालय का निरीक्षण करने की मांग की है।

इसके बाद जब zee प्रभात न्यूज़ चैनल के पत्रकार सिराथू तहसील क्षेत्र के ग्राम नौढिया आमद करारी में बने प्राइमरी स्कूल पहुँचे तो वहाँ का नजारा देख कर अचंभित रह गए पत्रकारों ने देखा कि अध्यापक आपस में अपनी अपनी समस्याओं पर चर्चा कर रहे हैं और स्कूल के सभी क्लास के बच्चे इधर उधर गूम और खेल रहे हैं।जब अध्यापकों से पूछा गया तब अध्यापकों का एक ही जवाब मिला जब बच्चे नही पड़ना चाहते हैं तब क्या उनको जबरन पढ़ाया जाए।

अब देखना होगा कि क्या जनपद कौशाम्बी की शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा या फिर मामले को ठंडे बस्ते में ही डाल दिया जाएगा।

रिपोर्ट, रविनारायन तिवारी, zee प्रभात न्यूज़।

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