लकड़ी माफियाओं से नही बच रहे औषधि वाले हरे नीम के पेड़।
लकड़ी माफियाओं का शुरू हुआ नया फंडा चौकी सिंघिया के नाक के नीचे हरियाली हुई नस्ट चौकी पुलिस मस्त।
लकड़ी माफियाओं का कहना है मजदूरी में काट रहे हैं हरे पेड़।
उत्तर प्रदेश जनपद कौशाम्बी थाना कोखराज क्षेत्र के अंतर्गत सिंघिया चौकी के पीछे दो गूलर के हरे पेड़ व चौकी क्षेत्र के बालकमऊ में कोटेदार के घर के सामने राजेश नाम के लकड़ी माफिया द्वारा नीम के हरे पेड़ो को काटा गया आखिर हरे नीम व गूलर के पेड़ को काटने की क्या मंशा हैं लकड़ी माफिया ने नया फंडा अपनाते हुए कहा कि वह तो मजदूरी में काट रहा है जिसका पेड़ है वो कटवा रहा है पेड़ के मालिक का पता नहीं हैं उसकी बात चौकी दरोगा और वन विभाग के रेंजर पटेल से बात हो चुकी है क्या नीम गूलर के पेडों को काटने की परमिशन लिया गया हैं
बिना परमिशन के पेड़ कैसे कट सकते हैं यदि पेड़ के मालिक ने मजदूरी पर लकड़ी कटवाया था तब लकड़ी माफिया द्वारा लकड़ी को पिकअप में लाद कर क्यों ले जाया गया,आप को बता दें कि राजेश व मामा लकड़ी माफिया सिंघिया चौकी क्षेत्र में गूलर के हरे पेडों को धरासाई करते हुए काट डाला गया फिर भी ना तो चौकी पुलिस को और ना ही वन के रेंजरों को दिखा क्योंकि इनके आंखों में रिस्वत की पट्टी लकड़ी माफियाओं द्वारा बांध दी जाती है।
अब सवाल यह उठता है कि नीम,गूलर, आम, महुवा जैसे हरे पेड़ो को क्या वन के रेंजर और चौकी के दरोगा ने कटवाने का ठेका ले रखा है
यदि इन लकड़ी माफियाओं पर जांच होती है लकड़ी माफियाओं का फसना तय है।
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