नाराज बीडीओ व ग्राम प्रधान पति के बीच नोकझोंक,प्रधान पति का गोशाला चलाने से इंकार।
रामपुर थरियांव गोशाला के निरीक्षण में निदेशक को मिली खामियां,लगाई फटकार।
प्रधान पति ने कहा चाहे जो भी कार्यवाही हो नही करूँगा गोशाला में सहयोग।
हसवा ब्लॉक के रामपुर थरियांव स्थित गोशाला का औचक निरीक्षण करने गए परियोजना अधिकारी महेंद्र प्रसाद चौबे खामियां देख भड़क गए।पंचायत सचिव विपिन कुमार से कैश बुक,भूसा रजिस्टर व तैनात कर्मचारियों का प्रस्ताव रजिस्टर मांगा तो सचिव कुछ भी नही दिखा पाए।गोशाला में तैनात कर्मचारी कामता,रजनी सुनीता आदि ने बताया कि कई महीने से भुगतान नही मिला है।जिससे परिवार चलाना मुश्किल है।जिस पर निदेशक ने पंचायत सचिव विपिन कुमार व प्रधान पति अनूप सिंह यादव को जमकर फटकार लगाई।बौखलाए प्रधान पति व परियोजना निदेशक से जमकर नोकझोंक हुई।जिस पर नाराज बीडीओ गोपीनाथ पाठक ने प्रधान पति को चेतावनी दी कि गोशाला में सहयोग न करने पर रामपुर थरियांव ग्राम पंचायत के सभी भुगतान पर रोक लगा दी जाएगी।प्रधान पति ने गोशाला में सहयोग करने से साफ इंकार कर दिया है।यहाँ तक प्रधान पति ने परियोजना निदेशक व बीडीओ से साफ शब्दों में गोशाला में सहयोग करने के लिए इनकार कर दिया।कहा कि जो भी कार्यवाही करनी हो कर दीजिए लेकिन मैं गोशाला में नही मदद करूँगा।जिस पर बीडीओ गोपीनाथ पाठक ने एडीओ पंचायत सत्यप्रकाश त्रिपाठी को भुगतान रोकने के मौखिक आदेश दे दिए हैं।साथ ही कहा कि पंचायत सचिव के खिलाफ जांच कमेटी गठित कर दोषी पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी।परियोजना अधिकारी की पूछतांछ में पशु चिकित्साधिकारी डॉ अंशु पांडे ने बताया कि 143 पशु टैगिंग युक्त व कुल 167 पशु हैं और मार्च माह से अब तक 34 पशु मर चुके हैं।हालाँकि अब तीन दर्जन पशु गोशाला में मर चुके हैं।जिसका कारण कारण बताने से अधिकारी बचते रहे।गोशाला में भूख औऱ प्यास से पशुओं के मरने की कई बार ग्रामीणों ने जिला प्रसाशन से की थी।गोशाला में अवमुक्त हुए बजट में बड़ा खेल किया गया है।लाखों रुपये अवमुक्त हुए बजट के बाद भी पशुओं को सुविधाएं नही मिल पा रही हैं।यहां तक कि पशु गंदा व दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।नेपियर घास व चरी मात्र कागजों तक ही सीमित है।डॉ अंशु पांडे ने आइसोलेशन कक्ष की मांग की है।जिसमें बीमार व चोटहिल पशुओँ को सुरक्षित रखा जा सके।ग्रामीण शिवधेश मौर्य,घूरे मौर्य,अवधेश,जयकरन,कमल,राजेश आदि ने बताया कि पशुवों को हरा चारा नही दिया जाता है।जब कोई अधिकारी जाँच में आता है।तभी दिखाने मात्र के लिए हरा चारा भूसे में मिला दिया जाता है।परियोजना निदेशक ने बताया कि 6 अक्टूबर को होने वाली बैठक में जिले की गोशालाओं की रिपोर्ट डीएम के समक्ष पेश की जाएगी।शासन की मंशा के अनुरूप काम न करने वालों पर कठोर कार्यवाही की जा सकती है।
दर्जनों पशु सुबह होते ही गोशाला से निकाले गए।
पशु चिकित्सक डॉ अंशु पांडे की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले सप्ताह 180 पशु गोशाला में थे।शनिवार की जांच रिपार्ट में 167 पशु मौके पर पाए गए।गोशाला में काम करने एक कर्मचारी ने बताया कि दर्जनों पशु गोशाला के बाहर चले गए।अब सवाल इस बात का है जब गोशाला के चारो तरफ बाउंड्री व लोहे का गेट लगा है।फिर कैसे पशु कैसे बाहर निकल गए।जिससे साफ कहा जा सकता है कि गोशाला में मिलने वाले चारा के बजट में अधिक पशु दिखाकर घोटाला किया जाता है।जिसका स्पस्टीकरण निदेशक ने पंचायत सचिव से माँगा है।
रिपोर्ट zee प्रभात न्यूज़।
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