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Showing posts from June, 2022

खेत में चरी चरते वक्त तीन भैसों की हुई मौत।

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खेत की चरी चरने से पन्द्रह जानवर हुए बिमार। कोखराज थाना क्षेत्र के ककोढा गांव में खेत का चारा खाने से 3 भैंस की मौत हो गई है और 15 पशु बीमार हो गए है जिनका चिकित्सकों द्वारा इलाज किया जा रहा है बताया जाता है कि गांव के किसानों के फसलों में पशु आवारा छुट्टा छोड़ दिए जाते थे जिससे किसानों की फसल चर कर पशु नष्ट करते थे बार-बार किसान पशुओं को छुट्टा छोड़ने से लोगों को मना करते थे लेकिन लोगों को यह बात समझ में नहीं आती थी आवारा की तरह घूम घूम कर किसानों के खेतों में फसल को चरने वाले पशु संतोष कुमार के खेत पहुंच गए और वहां पर हरीचरी खाने लगे हैं हरी चरी खाते ही पशु चक्कर खाकर गिर गए तीन पशुओं की मौत हो गई और 15 पशु बीमार हो गए हैं गांव की सुनीता देवी पत्नी स्वा इन्द्र लाल सरोज की तीन भैस की मौत हुई है जबकि 15 पशु अभी बीमार चल रही हैं एसओ कोखराज,लेखपाल घटना स्थल पर पहुँचे है एसओ कोखराज ने ग्रामीणों से पूछताछ की और कार्यवाही कर मदद का अस्वासन दिया लेकिन मौके पर कोई भी सरकारी पशु डॉ नही पहुँच सके। किसानो कहना है कि एक भैस की कीमत लगभग पचास हजार है। रिपोर्ट,उमेश चंद्र

सूचना मिलने के बाद भी हरे फलदार पेड़ काटने से माफियाओं को आखिर क्यों नही रोक सके अफसर?

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आखिर क्यों लकड़ी माफियाओं के आगे जिले की पुलिस और वन विभाग ने टेके घुटने? सरकार पर्यावरण बचाने के लिए करोड़ों का बजट खर्च कर रही है लेकिन लकड़ी माफिया हरे फलदार पेड़ों को काटकर पर्यावरण को समाप्त कर रहे हैं प्रति दिन हरे पेड़ काटते हुए देखे जाते हैं लकड़ी माफिया दो दिन पहले कोखराज थाना क्षेत्र के हरर्राय पुर पुलिस चौकी अंतर्गत मोहनपुर गांव के पास हरे फलदार महुआ के विशाल पेड़ को लकड़ी माफिया काट रहे थे मामले की सूचना डायल 100 पुलिस के साथ-साथ वन विभाग को ग्रामीणों ने दी  मौके पर डायल 100 की पुलिस पहुंची और उसने हरे पेड़ को काटने से लकड़ी माफिया को चेतावनी देकर पेड़ काटने से मना कर दिया हंड्रेड डायल पुलिस के वापस आने के बाद 24 घंटे तक पेड़ पर लकड़ी माफिया और उनके मजदूर नहीं पहुंचे लेकिन दूसरे दिन फिर दर्जनों मजदूरों को लेकर पेट्रोल आरा मशीन के साथ लकड़ी माफिया मौके पर पहुंचे और आधे कटे पेड़ को पूरा काट कर पूरी लकड़ी उठा ले गए हैं चर्चाओं पर जाएं तो ताराचंद नामक लकड़ी माफिया महुवा के हरे फलदार पेड़ को काट कर उठा ले गया है इस बात की पुष्टि क्षेत्र के लोगों ने की है। अब सवाल उठता है कि लकड़

पेड़ से लटका मिला अधेड़ का शंव

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जनपद कौशाम्बी कोखराज थाना क्षेत्र के शहजाद पुर गांव मे रोड के किनारे पेड़ में गमछा से लटकता हुआ कई दिन पुराना एक अधेड़ का शव मिला है ।शव देखकर प्रतीत हो रहा है ।कि कई दिन पूर्व अधेड़ की मौत हुई है ।सूचना पाकर मौके पर पहुंची चौकी पुलिस ने अधेड़ के शव को पेड़ से नीचे उतरवाया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अधेड़ के जेब से मिले आधार कार्ड के मुताबिक मृतक बलराम चंद्र उम्र लगभग 40 वर्ष पुत्र आत्माराम निवासी नूरपुर हजूर पुर रामपुर उत्तर प्रदेश के रूप में पहचान हुई है। गुरुवार की शाम लगभग 5:00 बजे जैसे ही पेड़ से लटके अधेड़ की शव की जानकारी ग्रामीणों को लगी मौके पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई सूचना पाकर स्थानीय पुलिस चौकी इंचार्ज भी घटनास्थल पर पहुँचे और अधेड़ के शव को कब्जे में ले लिया है अब सवाल उठता है कि शव गमछे से लटक रहा था चिकित्सकों के मुताबिक आत्महत्या के लिए गमछे की लंबाई कम पड़ जाती है छोटे गमछे से फंदा बनाकर पेड़ से झूल जाना मुश्किल है पेड़ से लटक रही अधेड़ की लाश ने तमाम सवाल छोड़ दिया है रामपुर का व्यक्ति कौशाम्बी जिले के शहजाद पुर गांव में आत्महत्या करने क्यों आए

सीएमओ साहब बताएंगे किस डिग्री पर चल रहा है पॉली क्लीनिक।

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लगातार 15 वर्षों से स्वास्थ्य विभाग पर अवैध नर्सिंग होम और पाली क्लीनिक से वसूली का लग रहा है आरोप। सीएमओ की मेहरबानी पर कुछ वर्षों में डॉक्टर लग्जरी गाड़ी आलीशान बंगला अकूत संपत्ति के बन जाते हैं मालिक। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की उदासीनता लापरवाही के चलते पूरे जिले में कुकुरमुत्ता की तरह झोलाछाप डॉक्टर अकुशल अनट्रेंड चिकित्सक क्लीनिक के आड़ में नर्सिंग होम का संचालन कर रहे हैं इन अस्पतालों का एक सूत्रीय उद्देश्य हो गया है कि मरीजों को इलाज के बहाने उनसे धन लूट लेना है मरीज ठीक तो नहीं होते हैं लेकिन कुछ वर्षों में डॉक्टर लग्जरी गाड़ी आलीशान बंगला अकूत संपत्ति के मालिक बन जाते हैं जिले में तमाम ऐसे नर्सिंग होम संचालक हैं जिन्होंने कुछ वर्षों में अकूत संपत्ति कमाई है करोड़ों के आलीशान बंगले और तमाम फ्लैट करोड़ो के कृषि योग्य भूमि के मालिक बन गए हैं लेकिन उसके बाद भी अवैध नर्सिंग होम पाली क्लिनिक पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कार्यवाही करते नहीं दिख रहे हैं इसी तरह का एक अवैध नर्सिंग होम चायल तहसील के सैयद सरावा में बैंक ऑफ बड़ौदा के बगल में संचालित हो रहा है। अवैध तरीके से चलने वाले

प्रयागराज हिंसा: उपद्रवियों के पोस्टर लगाएगी पुलिस, अब तक 92 गिरफ्तार।

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 पत्थरबाजों के तस्वीर लगाने की तैयारी में जुटी पुलिस प्रयागराज: शुक्रवार को हिंसा के मामले में पुलिस अब उपद्रवियों को पकड़ने के लिए उनके पोस्टर जारी करने वाली है. पुलिस पत्थरबाजी के दौरान की फोटो और वीडियो के जरिए हिंसा आगजनी में शामिल उपद्रवियों की पहचान करने में जुटी हुई है. इनमें से कई लोगों की पहचान और गिरफ्तारी करने के लिए पुलिस उनके पोस्टर जारी करने वाली है. प्रयागराज में शुक्रवार को पत्थरबाजी और आगजनी के साथ तोड़फोड़ करने के आरोप में पुलिस ने अब तक 92 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. इसमें घटना का मास्टर माइंड जावेद पंप भी शामिल है. पुलिस ने इस मामले में अलग-अलग दर्ज FIR में 70 नामजद और 5 हजार से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. फिलहाल पुलिस अन्य आरोपियों की पहचान और उनकी गिरफ्तारी के लिए पोस्टर जारी करने वाली है. जानकारी के मुताबिक पुलिस अलग-अलग जगह से प्राप्त हुए वीडियो फुटेज और फोटो से आरोपियों की तस्वीरें बनाकर उसका पोस्टर जारी करने वाली हैं. जल्द ही पुलिस की तरफ से अटाला इलाके में पत्थरबाजी के साथ उपद्रव और आगजनी करने वालों के पोस्टर जारी हो सकते हैं. साजिश क

50 रुपए के विवाद में मुकदमा लिखाने को कूदे एक सांसद।

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  मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के बचानी का पुरवा गांव में आम बेचने के दौरान सोनकर बिरादरी के एक व्यक्ति ने गांव के एक सिपाही पर 50 रुपए कम देने का आरोप लगाकर मंझनपुर कोतवाली पुलिस को तहरीर दी मंझनपुर कोतवाली पुलिस ने सिपाही को बुलाकर आम बेचने वाले सोनकर को 100 रुपए दिला दिया लेकिन मामला यहीं ठंडा नही हुआ 50 रुपए के इस विवाद में एक सांसद कूद पड़े हैं और पुलिस पर मुकदमा लिखने का दबाव बना रहे हैं लेकिन पुलिस का कहना है कि जब दोनों के बीच लेनदेन फिर से हो चुका है विवाद खत्म हो गया है तब मुकदमा लिखने का क्या औचित्य है आम बेचने वाला मुकदमा लिखाने के बाद सरकार के सरकारी अनुदान का लाभ लेना चाहता है और गलत तरीके से लाभ लेने वाले की सिफारिश एक सांसद कर सवर्ण  बिरादरी के निर्दोष व्यक्तियों को जेल भेजवाने में लगे हैं। संवाददाता, रविनारायन तिवारी, zee प्रभात न्यूज़।

नायब तहसीलदार सिराथू व चायल के नेतृत्व में आयोजित हुआ थाना समाधान दिवस।

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थानेदार गणेश प्रसाद सिंह ने कहा कि शिकायतों का निस्तारण गुणवत्ता पूर्वक समय सीमा के अंदर कर दिया जाए। नायब तहसीलदार व चायल के  नेतृत्व में कोखराज थाना समाधान दिवस का आयोजन किया गया है थाना दिवस में पहुंचे फरियादियों ने अपनी शिकायतें दोनों तहसीलदार के सामने प्रस्तुत किया जिस पर दोनों नायब तहसीलदार और  कोखराज एसो  गणेश प्रसाद सिंह ने फरियादियों की शिकायतों को सुना और उसके निस्तारण का प्रयास किया जिन शिकायतों का निस्तारण मौके पर नहीं हुआ है उनके निस्तारण के लिए अधीनस्थों को निर्देशित किया गया है थाना समाधान दिवस के अवसर पर थानेदार गणेश प्रसाद सिंह ने कहा कि शिकायतों का निस्तारण गुणवत्ता पूर्वक समय सीमा के अंदर कर दिया जाए उन्होंने कहा कि थाना समाधान दिवस की शिकायतों में किसी भी  कीमत पर लापरवाही और पक्षपात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कोखराज थाने में समाधान दिवस के अवसर पर पहुंचे फरियादियों की समस्याओं को दोनो नायब तहसीलदार व एसओ कोखराज गणेश प्रसाद सिंह ने सुनकर निस्तारण का निर्देश दिया समाधान दिवस के अवसर पर कानून गो अनिल कुमार अग्र्रहरी लेखपाल अमन सिंह देवेन्द्र सिंह दिलीप सिंह मान सिंह अश

भागी हुई लड़कियों का बाप इस दुनिया का सबसे अधिक टूटा हुआ व्यक्ति होता है।

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 पुराने दिनों में एक शब्द होता था 'मोछ-भदरा'। जिस पिता की बेटी घर से भाग जाती थी, उसे उसी दिन हजाम के यहाँ जा कर अपनी मूछें मुड़वा लेनी पड़ती थी।  भागी हुई लड़कियों का बाप इस दुनिया का सबसे अधिक टूटा हुआ व्यक्ति होता है। पहले तो वह महीनों तक घर से निकलता नहीं है, और फिर जब निकलता है तो हमेशा सर झुका कर चलता है। अपने आस-पास मुस्कुराते हर चेहरों को देख कर उसे लगता है जैसे लोग उसी को देख कर हँस रहे हैं। वह जीवन भर किसी से तेज स्वर में बात नहीं करता, वह डरता है कि कहीं कोई उसकी भागी हुई बेटी का नाम न ले ले... वह जीवन भर डरा रहता है। वह रोज मरता है। तब तक मरता है जब तक कि मर नहीं जाता।     पुराने दिनों में एक शब्द होता था 'मोछ-भदरा'। जिस पिता की बेटी घर से भाग जाती थी, उसे उसी दिन हजाम के यहाँ जा कर अपनी मूछें मुड़वा लेनी पड़ती थी। यह ग्रामीण सभ्यता का अलिखित संविधान था। तब मनई दो बार ही मूँछ मुड़ाता था, एक पिता की मृत्यु पर और दूसरा बेटी के भागने पर। बेटी का भागना तब पिता की मृत्यु से अधिक पीड़ादायक समझा जाता था। तब और अब में बस इतना इतना ही अंतर है कि अब पिता मूँछ नहीं मुड़ाता, पर